द फॉलोअप डेस्क
प बंगाल के संदेशखाली केस की जांच अब सीबीआई करेगी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने प बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को इस बाबत आदेश जारी करते हुए कहा कि केस से जुड़े सासंद शाहजहां शेख की फाइल भी आज ही सीबीआई को सौंपी जाये। जानकार इसे ममता सरकार के लिए एक बड़ा झटका बता रहे हैं। बता दें कि शाहजहां शेख तृणमल कांग्रेस के सासंद हैं और फिलहाल निलंबित हैं। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद माना जा रहा है कि कभी भी उनको हिरासत में लिया जा सकता है। संदेशखाली मामले की जांच करने गये ईडी के अधिकारियों पर 5 जनवरी को हमला किया गया था। हमले का आरोप शेख समर्थकों पर लगाया गया है। टीएमसी सांसद शाहजहां शेख पर संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार और आदिवासी भूमि पर कब्जा करने का आरोप लगा है। आज इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस शिवज्ञानम की बेंच में हो रही थी।
क्या है संदेशखाली मामला
बता दें कि संदेशखाली की कुछ महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वे शेख के खिलाफ सड़कों पर निकल आयी हैं। महिलाओं का आरोप है कि सांसद शेख के सहयोगी उनको इलाके की सुंदर महिलाओं पर नजर रखते हैं। नौकरी और लालच देकर वे महिलाओं का शोषण और इनपर अत्याचार करते हैं। आरोप है कि आंदोलन के दौरान पुलिस ने महिलाओं का साथ देने के बजाये शेख समर्थकों का पक्ष लिया। इसी के साथ महिलाओं ने टीएमसी सांसद और उनके गुर्गों पर यौन शोषण व भूमि हड़पने के आरोप लगाये हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी सीबीआई जांच की मांग
इस मामले में गत 19 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी की सीबीआई से जांच की मांग को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि संदेशखाली में हिंसा का संज्ञान कोलकाता हाईकोर्ट ने खुद से लिया है। कहा कि मामले जांच एसआइटी को करनी चाहिये। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य फैसले में कहा कि संदेशखाली मामले में संसद की विशेषाधिकार समिति को हस्तक्षेप भी गैरजरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संसद की विशेषाधिकार समिति के किसी भी एक्शन पर रोक लगा दी है।
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